CPC 1908 शपथपत्र (AFFIDAVIT) [आदेश 19 (नियम 1-3 )] धाराएं 30 एवं 139
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शपथपत्र (AFFIDAVIT)
[आदेश 19 (नियम 1-3 )] धाराएं 30 एवं 139
👉 शपथपत्र के सम्बन्ध मेंधारा 30में यह उपबंध है कि न्यायालय किसी भी समय या तो स्वप्रेरणा से या किसी भी पक्षकार के आवेदन पर यह आदेश दे सकता है कि कोईतथ्य शपथ-पत्र द्वारा साबित किया जाये।
👉 जबकिधारा 139शपथ पत्र के सम्बन्ध में यह उपबंध करती है किशपथ-पत्र के लिए शपथ कौन दिला सकता है।
👉धारा 139 के अनुसार निम्नलिखित व्यक्ति शपथपत्र के लिए अभिसाक्षी को शपथ दिला सकेगें
(1) कोई भी न्यायालय या मजिस्ट्रेट या,
(2) नोटरी अधिनियम, 1952 के अधीन नियुक्त नोटरी,
(3) उच्च न्यायालय द्वारा इस निमित्त नियुक्त कोई भी अधिकारी या अन्य व्यक्ति,
(4) राज्य सरकार द्वारा साधारणतया या विशेष रूप से सशक्त कोई न्यायालय या नियुक्त किया गया कोई भी अधिकारीआदेश 19 नियम 1के अनुसार न्यायालय को यह शक्ति है कि वह किसी बात को शपथपत्र द्वारा साबित किए जाने का आदेश दे सके।
👉आदेश 19 नियम 2के अनुसार किसी भी आवेदन पर साक्ष्य शपथ-पत्र द्वारा किया जायेगा।
👉 किन्तु न्यायालय दोनों पक्षकारों में से किसी की भी प्रेरणा परअभिसाक्षी को प्रतिपरीक्षा के लिए हाजिर होने का आदेश दे सकता है।
👉आदेश 19 नियम 3के अनुसारशपथ-पत्र ऐसे तथ्यों तक ही सीमित होगेजिनको अभिसाक्षी अपने निजी ज्ञान से साबित करने में समर्थ है,किन्तु अन्तवर्ती आवेदनों के शपथ-पत्रों में उनके विश्वास पर आधारित कथन ग्राह्य हो सकेगें।
👉 जिस शपथ-पत्र में अनश्रुत या तार्किक बातें या दस्तावेजों की प्रतियाँ या दस्तावेजों के उद्धरण अनावश्यक रूप में दर्ज किये गये हैं, ऐसे हर एक शपथ-पत्र के खर्चे उन्हें फाइल करने वाले पक्षकार द्वार दिए जायेंगे ।
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